कलम
जब सब सो रहे होते है
तो मेरा हृदय और दिमाग कुछ नया गढ़ रहा होता है
वहाँ जब सब गहरी नींद में डूबे होते है
मैं यहाँ अपनी भावनाओ को टटोलता हुआ करवटे लेता है
इन सब को बुनकर, एक नई कविता गढ़ता हूँ
दोनों एक दूसरे से बात करते है
उस मैं के अंदर और बहार की दूरी तय करते है
और अपने एक्सपीरिएंस (Experience) कोरे कागज पर शेयर (share) करते है
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