Sunday, October 5, 2014

समुंदर की लहरें

" समुंदर की लहरें "


कुछ सुकून सा देती 
लहरा लहरा के चलती है 
ये समुंदर की लहरें यूँही मतवाला  सा करती हैं 

ठंडी ठंडी सी सर्द हवाएँ 
कानों में कुछ सरसरा जाती 
बाह फैलाये मैं उस पल को जी रही हूँ 
निचे कोसो दूर तक पानी हैं 
ऊपर आकाश भी आसमानी हैं 
आज पता चला शोर की शान्ति कुछ ऐसी होती हैं  

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