हे प्रभु क्यों इतने प्रश्न उठे हर पल हृदय में
जिनका जवाब हम से ना खोजा जाए
नहीं हमें उनके उत्तर ही मिल पाए
काश कि यह प्रश्न ही न बने होते
हम इस उधेड़बुन में तब बिल्कुल न पड़े होते
चैन से जगते, चैन से सोते
गहरी चिंतन से कोसों दूर ही रहते
पर अब जब यह प्रश्न है
तो क्या किया जा सकता है
इतना साहस तो करना ही होगा
खोज कर उन्हें कार्यरत तो करना होगा
जो भी फिर भी ना मिल पाए
तो कह दो
हे प्रभु क्यों इतने प्रश्नों के हर पल हृदय में
जिनका जवाब हम से ना खोजा जाए
नहीं हमें उनके उत्तर ही मिल पाए
काश कि यह प्रश्न ही न बने होते
हम इस उधेड़बुन में तब बिल्कुल न पड़े होते
चैन से जगते, चैन से सोते
गहरी चिंतन से कोसों दूर ही रहते
पर अब जब यह प्रश्न है
तो क्या किया जा सकता है
इतना साहस तो करना ही होगा
खोज कर उन्हें कार्यरत तो करना होगा
जो भी फिर भी ना मिल पाए
तो कह दो
हे प्रभु क्यों इतने प्रश्नों के हर पल हृदय में
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