Thursday, February 4, 2016

किस्सा और हिस्सा


क्या तुम मेरी कविताओं का हिस्सा बनोगे
या तुम मेरी कहानियों का किस्सा बनोगे

किस्सा और हिस्सा 
सुनने मे एक 
किंतु कितने भिन्न

किस्सा मैं सुनाऊँगी
हिस्से के संग मैं गुनगुनाउंगी

किस्से को मैं भुलाऊँगी 
हिस्से को मैं अपनाऊँगी 

किस्सा निशा है
तो हिस्सा दिन का प्रकाश होगा

प्रिय तो दोनो है
पर किस्सा बीती बात होगा
हिस्सा मेरे साथ होगा

अब कहो क्या तुम मेरी कहानियों का किस्सा बनोगे 
या तुम मेरी कविताओं का हिस्सा बनोगे!!!!

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