कभी मुझसे कुछ सवाल करती है
वो पूछती है मुझसे
मेरी मंज़िल है क्या?
मै कैसे कह दू
मैने जो अब तक तय ही नही किया
ना जानू जाना कहा
सर्घोषी से आई थी
और कानो में गूँज कर चल दी
ये रात मुझसे बात करती है
कभी मुझसे कुछ सवाल करती है
मै चुप हू और अब ये रात भी मौन देखती मुझको
मैने आँखे चुरा ली है
पर अब भी वो यही दूर खड़ी घुरती मुझको
ये रात मुझसे बात करती है
कभी मुझसे कुछ सवाल करती है