Thursday, February 25, 2016

ये रात मुझसे बात करती है



ये रात मुझसे बात करती है
कभी मुझसे कुछ सवाल करती है

वो पूछती है मुझसे 
मेरी मंज़िल है क्या?
मै कैसे कह दू
मैने जो अब तक तय ही नही किया
ना जानू जाना कहा

सर्घोषी से आई थी
और कानो में गूँज कर चल दी
ये रात मुझसे बात करती है
कभी मुझसे कुछ सवाल करती है

मै चुप हू और अब ये रात भी मौन देखती मुझको
मैने आँखे चुरा ली है
पर अब भी वो यही दूर खड़ी घुरती मुझको
ये रात मुझसे बात करती है
कभी मुझसे कुछ सवाल करती है

Sunday, February 14, 2016

इतने भोले नही हम

कभी नटखट, कभी शैतान
कभी भोली, कभी नादान
कभी सच्ची, कभी झूठी
कभी हँसी, कभी रूठी
मेरे दिन कुछ ऐसे गुज़रते है
ये रोज़ के प्यारे पल मेरी आँखो में ठहरते है

पर इतने भोले नही हम
तुम देखकर अनदेखा कर दो
और हम फिर भी मुस्कुराते रहे

तुम अपनी कहो और मेरी ना सुनो
फिर भी हम तुम्हारी सुनते रहे
इतने भोले नही हम

तुम मेरे सपनो का मज़ाक बनाओ
और मै चुप रहूं
इतने भोले नही हम

सब समझ कर भी
ना समझ बने रहे
इतने भोले नही हम

तुम से हो खफा
और तुम्हे इत्तेला भी ना करे
इतने भोले नही हम

आपकी आँखे कुछ और ज़ुबान कुछ कहती है
इतने भोले नही
के ये भी ना समझ सके
हाँ इतने ज़रूर है
की इंतज़ार करेंगे
जब तुम्हारे लब और आँखे एक ही बात मुझसे कहेंगी

इतने भोले नही हम
हर बात भूलकर माफ़ करदे
पर इतने ज़रूर है के
दूसरा मौका देदे

चाहते है के आप हमारी आँखे पढ़ लो
क्यूकी इतने भोले नही हम
की मेरे हाल की इततेल्ला सही से पहुचा दे तुम तक

Wednesday, February 10, 2016

मिट्टी का पुतला

हर व्यक्ति मिट्टी का एक पुतला है
जिससे निर्मित, उसमे विलीन
ईश्वर की अदभुद, अनोखी कला है

पर बिना कुछ किए जीरहे तो क्या जिए
और बिना कुछ किए मर गये तो क्या मरे

इससे नही मिलेगा अमृतव तुम्हें
ना ही होगी जय-जयकार तुम्हारी 
चाहत हो सम्मान की तो 
तुम सब आगे बढ़ कर आओ
देश की उन्नति के लिए हाथ मिलाओ 
तुम्हे इंसान का जीवन मिला है
इसे तुम व्यर्थ ना गवाओ
अपना व्यवहार कटु से नम्र बनाओं
घुलो, गालो, तपो और जल जाओं
दूसरों को मॅन से अपनाओं
चोट चाहे तुम खुद खाओ
पर औरो को ना तुम दर्द पहुचाओं
जग में हो नाम तुम्हारा  
ऐसा कोई कार्य तुम कर जाओ

एक तरफ़ा प्यार

नज़र भर देख हम उन्हे
कुछ मुस्कुराते है
उनसे नज़र मिलते ही 
अपनी नज़रें हम झुकाते है
ये एक तरफ़ा प्यार है
जिसका असर और दर्द दोनो हम निभाते है

आँखें खामोश नही रहती
लब कुछ बोल नही पाते
उनके ख़यालों में कट जाती है राते
नाम उनका कई बार लिखते और मिटतें है
कई बार इशारों से अपनी बात उन्हे समझाते है
ये एक तरफ़ा प्यार है
जिसका असर और दर्द दोनो हम निभाते है

हो मश्घुल तुम अपनी मस्ती में
कभी नज़रें घूमाओं तो पता चले यहा मेरा हाल कैसा है
ये इज़हार से इनकार शायद अच्छा है
उमीद है कभी तो तुम समझोगे मेरा प्यार तुम्हारे लिए कितना सच्चा है

ये एक तरफ़ा प्यार है
जिसका असर और दर्द दोनो हम निभाते है!!!!

Tuesday, February 9, 2016

प्रश्नों की उधेड़बुन

हे प्रभु क्यों इतने प्रश्न उठे हर पल हृदय में
जिनका जवाब हम से ना खोजा जाए
नहीं हमें उनके उत्तर ही मिल पाए
काश कि यह प्रश्न ही न बने होते
हम इस उधेड़बुन में तब बिल्कुल न पड़े होते
चैन से  जगते, चैन से सोते 
गहरी चिंतन से कोसों दूर ही रहते
पर अब जब यह प्रश्न है
तो क्या किया जा सकता है
इतना साहस तो करना ही होगा
खोज कर उन्हें कार्यरत तो करना होगा
जो भी फिर भी ना मिल पाए
तो कह दो 
हे प्रभु क्यों इतने प्रश्नों के हर पल हृदय में

Sunday, February 7, 2016

मसलो का हल

प्रक्रति का ये क्रोध कैसा है
कहीं बाढ़, कहीं सैलाब कैसा है
देखिए मेरे देश का हाल ऐसा है
कहीं भुखमरी, कहीं करोड़ो का पैसा है

जहाँ जोरदार धमाकों ने ध्यान बटोरा है
वो बेघर लोगों की सिसकिया कब सुन पाता है
दुख तो सबको ही है
दिखता उसी का है जो दिखा पता है

अगर ये बात अजीब है
यकीन माने, हॉल तो और भी पेचीदा है

मसले खड़े कर मसलो का हल नहीं निकलता
बिना ऐसा किए कोई सिला भी तो नही निकलता

तूफ़ान का आकर निकल जाना भला 
ना के बार - बार तूफ़ान का उठते रहना 
घाव पर बैठे मरहम तुम कब तक मलोगे 
एक बार पलट कर वार भी कर के देखो 

Thursday, February 4, 2016

किस्सा और हिस्सा


क्या तुम मेरी कविताओं का हिस्सा बनोगे
या तुम मेरी कहानियों का किस्सा बनोगे

किस्सा और हिस्सा 
सुनने मे एक 
किंतु कितने भिन्न

किस्सा मैं सुनाऊँगी
हिस्से के संग मैं गुनगुनाउंगी

किस्से को मैं भुलाऊँगी 
हिस्से को मैं अपनाऊँगी 

किस्सा निशा है
तो हिस्सा दिन का प्रकाश होगा

प्रिय तो दोनो है
पर किस्सा बीती बात होगा
हिस्सा मेरे साथ होगा

अब कहो क्या तुम मेरी कहानियों का किस्सा बनोगे 
या तुम मेरी कविताओं का हिस्सा बनोगे!!!!