Friday, January 8, 2016

तुम याद बहुत आओगे

चले गये तुम अब 
लौट के ना आओगे 
फिर भी तुम हमे बड़ा रुलाओगे
और तुम याद बहुत आओगे

हमारे बीच फ़ासले है, दरमियाँ है
फिर भी हम दोनो के दिलों मे नज़दीकियाँ हैं 
इसी से तुम जितना भी दूर जाओगे 
फिर भी तुम याद बहुत आओगे

अब ना जाने कब किसी मोड़ पर मिलना हो'
तब तुम्हारा बदला स्वरूप देख पछताएगें 
पर ये सोच हम अपने दिल को समझाएँगे 
की कहीं ना कहीं हम भी तो बदले है
इस बदलाव में दोनो का दोष नही हैं
अब बस मुझे तुम ख्वाबों में 
याद बहुत आओगे

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