Monday, January 25, 2016

कोयल


जब तुम आई कोयल रानी
हुए मुगद हम सुन तुम्हारी बानी
कोयल तुम अपना गीत सूनाओ
रोज तरानो की धुन बनाओ
कुहक कुहक कर हमे बुलाओ
फिर तुम अपना मधुर गीत गुनगुनाओ 

मीठे- मीठे आम खाती ही
और मीठे गीत सुनाती हो
हम सब के मन को बहलाती हो

लेकिन ये क्या?
जो गर्मी गयी
तुम भी हमारे आमो के पेड़ो चल दी
अब हम बस ये चाहे
अगले साल जल्दी गर्मी आए
तब तुम अपने बच्चों के संग फिर आओ
और मेरे पेड़ो के फल खाओ
साथ तुम्हारा संगीत हमे सूनाओ

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