Sunday, May 1, 2016

एक रुपये के सिक्के का मोल.....




कभी गये कौड़ियो के मोल
कभी हो गये अनमोल

ग़रीबों के लिए वरदान हो तुम
अमीरों द्वारा दिया दान हो तुम
कभी किसी ने तुम्हे निर्धन की झोली मे डाला 
कभी शुभ समझ कर एन्वेलप मे डाला

कभी 9, 99 तो कभी 999 ऑफर की लालच दे ग्राहक को लुभाया है
कभी तुम्हे ट्रेन की पटरी पर रख अपना करतब दिखाया है

काम तुम कितना आते हो
दूरी भी घटाते हो
कभी STD के कॉल बूथ पर
तो कभी स्टेशन पर रखी Weighing मशीन पर
एक रुपये मे वजन के साथ भविष्य भी बताते हो 
कुछ ही लम्हो मे बोरियत तुम भगाते हो
रंग बिरंगी चॉक्लेट के मज़े भी दिलाते हो

ये है एक रुपये का मोल
जिसका आकार है गोल 
हर दिन एक एक रुपये जोड़कर गुल्लक मे भरते जाओ
ऐसे ही तुम अपनी जमापूंजी को और बढ़ाओ

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