Saturday, July 8, 2017

पहल

कुछ कदम की दूरी थी
पर जाने क्या मजबूरी थी
पैर आगे बढ़े ही नहीं
हम खड़े इंतेज़ार करते रहे
वो मौके इक्तियार करते रहे.
पहल की ज़त्तोजहत चलती रही
पर हुआ कुछ भी नही..


****

No comments:

Post a Comment