Monday, November 30, 2015
Tuesday, November 24, 2015
महफूज़
आज आतंक का कोहरा छाया है
हर तरफ दिलो में भड़कती ज्वाला है
जिनमे न वे अपना अस्तित्व बचाते है
परन्तु अन्यों को भी मिटाते है
अब रहा न किसी कोने में कोई महफूज़ |
आज आतंक की जड़े चारो ओर सुलगी है
जिसमे पीड़ित हो कई माये अपने बच्चो के लिए रोई है
आँखों में दर्द और डर समाया है
प्रेम का भाव मनुष्य कही दफ़ना आया है
अब रहा न किसी कोने में कोई महफूज़ |
हर तरफ लाचारी, बेबसी ने हाथ बढ़ाया है
आतंकवाद ने अपना झंडा फहराया है
हर तरफ आग की लपते है
अब तो पेड़ के तले भी ना छाया है
अब रहा न किसी कोने में कोई महफूज़ |
हाय रे, अब भी समय है
इए समस्या से लड़ना होगा
और इस पर विजय पा इसे जड़ करना होगा
अरे! देखो कही देर न हो
यह घुल न जाये पूरे विश्व में विष की तरह
इससे पहले ही कुछ कर गुज़रना होगा
इस आतंकवाद को हमें मिलकर मिटाना होगा
जिसके कारण रहा न किसी कोने में कोई महफूज़ |
Monday, November 16, 2015
Sunday, November 15, 2015
Dance Floor
ना जाने क्या मज़ा है
Dance Floor की रंग बिरंगी जलती -बुझती लायटो में
लोग एक लय में थिरकने लगे
खुद में मस्त हो कुछ बहकने लगे
DJ ने किया म्यूज़िक लाउड
हॉल मे अपने आप बढ़ गया क्राउड
कुछ दीवाने अपने हर move पे हो रहे थे proud
तो कुछ यूँ ही झूमते थे, जैसे आसमान मे mad cloud
जहा सब नाचने में है खोए
वही कुछ चेयर पे बैठे करते अपने head को Shake
इसमे किसी की कोई नही Mistake
ये है Dance Floor
ये नही करता किसी को bore
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