Monday, July 13, 2015

तुम याद बहुत आओगे

चले गए दूर तुम अब
लौट के न आओगे
फिर भी तुम हमें बड़ा रुलाओगे'
और तुम याद बहुत आओगे

हमारे  बीच फ़ासले है, दरमियाँ है
फिर भी हम दोनों के दिलो में
तुम जितना भी दूर जाओगे
फिर भी तुम याद बहुत आओगे

अब न जाने कब किस मोड़ पर मिलना हो
तब तुम्हारा बदला स्वरुप देख पछताएंगे
पर ये सोच हम अपने दिल समझाएंगे
की कही न कही हम भी बदले है
इस बदलाव में दोनों का  दोष है
क्योंकि समय की गति  बलवान होती है
अब  बस मुझे तुम ख्वाबो में
याद बहुत आओगे


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