Saturday, March 14, 2015

ग़ज़ल

ग़ज़ल 

उलझनों ने सुलझना नहीं सीखा 
आज भी हमने इंसानो को परखना नहीं सीखा 
मिल रही है हमें वफ़ा की सज़ा 
फिर भी हमने बेवफ़ाई करना नहीं सीखा !!!




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