Monday, July 18, 2016

आज शायद बात कुछ और है

आज शायद बात कुछ और है...


उनके आने की खबर नही
उनसे मिलने का सब्र नही
बातें नही हुई है अब तक
फिर भी मुरीद हो गया है


शर्तें नही है
बस मनमानी चल रही है
कुछ लोगों की देखा देखी
कई आदतें बदल रही है
आज शायद बात कुछ और है!

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